दीपेश पालीवाल ‘गूगल’
उदयपुर (राजस्थान)
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लाख आए चाहे तूफान कोई जीवन में अब मैं नहीं रुकूँगा,
चुनौतियाँ हजार मिलें चाहें मुझे मैं सब स्वीकार करूँगा।
तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष करूँगा…॥
तुम चाहे जेक-चेक हजार लगाना,
या चाहे किसी मंत्री से बात करवाना।
अबके मैं बिल्कुल नहीं रुकूंगा,
तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष करूँगा…॥
डर के आगे जीत है सुना था अब समझ गया हूँ,
तुम लाख डराओ मुझे मैं अब नहीं डरूँगा।
मैं सिर्फ अपना काम करूंगा,
तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष करूँगा…॥
तुम कैद किस्मत के पिंजरे में,कैद रहो,
मैं संघर्ष का परिंदा हूँ,पूरा आसमान नापूंगा।
तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष करूँगा…॥