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दर्द

पूनम दुबे
सरगुजा(छत्तीसगढ़) 
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बात बहुत छोटी रहती है
पर दिल समझ ना पाए,
उनकी बातों से मेरी आज
आँखों में आँसू उतर आए,
जैसे शाम को भूला कोई…
घर भटकते पास आ जाये।

कैसा रिश्ता होता है ये
क्यूँ भरोसा करके उन पर,
चोट बहुत वो पहुंचाता है
कितना समय निकल गया,
फिर वही रहगुजर आये।
जैसे शाम को…

दिल दुखाना आदत है शायद
भुलाकर आगे बढ़ने की,
बातों को पीछे छोड़ने की
बस सभंलती जाती हूँ,
भुला बैठे हैं हम खुद को
वो याद इस कदर आए।
जैसे शाम को कोई…
जैसे शाम को कोई…ll

परिचय-श्रीमती पूनम दुबे का बसेरा अम्बिकापुर,सरगुजा(छत्तीसगढ़)में है। गहमर जिला गाजीपुर(उत्तरप्रदेश)में ३० जनवरी को जन्मीं और मूल निवास-अम्बिकापुर में हीं है। आपकी शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत विशारद है। साहित्य में उपलब्धियाँ देखें तो-हिन्दी सागर सम्मान (सम्मान पत्र),श्रेष्ठ बुलबुल सम्मान,महामना नवोदित साहित्य सृजन रचनाकार सम्मान( सरगुजा),काव्य मित्र सम्मान (अम्बिकापुर ) प्रमुख है। इसके अतिरिक्त सम्मेलन-संगोष्ठी आदि में सक्रिय सहभागिता के लिए कई सम्मान-पत्र मिले हैं।