कुल पृष्ठ दर्शन : 190

You are currently viewing देख रहा ज़मीं दफन होते हुए

देख रहा ज़मीं दफन होते हुए

संदीप धीमान 
चमोली (उत्तराखंड)
**********************************

प्रकृति ओर खिलवाड़….

ज़मीं में दफ़न होते हजारों देखें
अब देख रहा, जमीं दफ़न होते हुए,
काफ़िला अपनी तैयारी में है अब
साथ, साजो-सामान के कफ़न लिए।

रहनुमा थे सवार कांधों पर जिसके
आज मैय्यत वही है उठाए हुए,
पहुँच गए तबाही का लश्कर ले के
साथ, साजो-सामान के कफ़न लिए।

कभी रगड़ते थे माथा ड्योढ़ी पर
कभी भरते थे आहें खूबसूरती पर,
दफ़न हो रही है वहीं जन्नत पैरों तले
साथ, साजो-सामान के कफ़न लिए।

हो रहा नुदबा मैय्यत भर का
सरोकार सरकार सैय्यद भर का,
नुमाइश लगी है चारों ही तरफ़
साथ, साजो-सामान के कफ़न लिए।

खोदी है इंसानों ने इंसानों की कब्रें
आज इंसान कब्र जमीं की खोदे हुए।
भरी मुट्ठी दफ़न को मिट्टी से है
साथ, साजो-सामान के कफ़न लिए॥

Leave a Reply