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देख ले इक नज़र

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’
मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) 
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मेरे दिल की दुआ़,मेरे रश्क ए क़मर।
जाते-जाते इधर देख ले इक नज़र।

ह़ुस्ने गुलशन है तू मिस्ले चंदन है तू।
मेरी धड़कन है तू मेरा दर्पन है तू।
तकता रहता हूँ मैं बस तिरी रहगुज़।
मेरे दिल की दुआ़ मेरे रश्क़ ए क़मर।
जाते-जाते इधर देख ले इक नज़र॥

देखकर तुझको होती है दिल को ख़ुशी।
दिल दुखाती है पर ये तिरी ख़ामशी।
यूँ न तड़पा मुझे मेरी जान ए जिगर।
मेरे दिल की दुआ़,मेरे रश्क़ ए क़मर।
जाते-जाते इधर देख ले इक नज़र॥

फूल राहों में तेरी बिछाता रहूँ।
उम्र भर यूँ ही नग़मे मैं गाता रहूँ।
गर तू बन जाए जानाँ मिरी हमसफ़र।
मेरे दिल की दुआ़,मेरे रश्क़ ए क़मर।
जाते-जाते इधर देख ले इक नज़र॥

मेरे दिल की दुआ़,मेरे रश्क ए क़मर।
जाते-जाते इधर देख ले इक नज़र॥

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