बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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श्री शिवाय नमस्तुभ्यम…
सदा लगाऊँ ध्यान मैं, सर्वरूप भगवान।
भव बंधन से मुक्ति का, दो ऐसा वरदान॥
सर्वरूप भगवान शिव, सकल सुखों की खान।
मन से जो ध्याते इन्हें, बन जाते धनवान॥
बन जाते धनवान वो, जो शिव की सन्तान।
धन्य उसी का भाग्य है, सदा मगन इंसान॥
सदा मगन इंसान वो, जो करते शिव भक्ति।
उनके ही आशीष से, मिलती जीवन शक्ति॥
मिलती जीवन शक्ति है, मन में शिवा महेश।
सुबह-शाम ध्याते रहो, मिट जाते सब क्लेश॥
परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।