आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’
शेखपुरा(बिहार)
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नूतन वर्ष,लाए हर्ष, हो सबका उत्कर्ष,
जीवन उपवन रहे सुहावन,हो ना अमर्ष
सुरभित सद्ज्ञान से संचारित सदा संसार रहे,
अलौकिक अनुपम आनन्द से जीवन सराबोर रहे।
हर प्रात दोपहरी संध्या निशा सदा सभी की जय हो,
ईश हरे हर कष्ट सदा नव वर्ष सभी का मंगलमय हो।
सुखी सुंदर सुदृढ़ सकल संसार रहे,
हर दिन नव खुशियों का त्यौहार रहे
हो पावन मन,मुख पर मधुर मुस्कान रहे,
हमें अपना मान रहे मानवता का नित ध्यान रहे
परोपकारमय जीवन हो,सब सदा यहाँ अनामय हो,
विश्व बन्धुत्त्व बयार बहे,नव वर्ष सभी का मंगलमय हो।
हो सत्य,शान्ति,सदाचारमय सुन्दर जीवन,
खिलें कल्याणमय कुसुम से जीवन उपवन
राष्ट्र उन्नति करें सदा,निजता का अभिमान रहे,
नित प्रेम पीयूष रसधार बहे,सुखी सकल संसार रहे।
‘आजाद’ अकेला रहे न कोई,सब प्रेम पाश आनंदमय हो,
बीते साल का वंदन जय हो,नव वर्ष सभी का मंगलमय हो॥