कुल पृष्ठ दर्शन : 388

You are currently viewing न वादा करो

न वादा करो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

*********************************************

न वादा करो तुम, कभी भी किसी से।
बदल कर यहां हाल, मिलते सभी से।

यहां साॅंस-धड़कन, सभी कुछ बदलता,
बदलकर किसी को, कभी फिर न मिलता।

मुहब्बत करो तो, रखो दिल में हरदम,
मुकम्मल तभी तो, मिलें दिल के हमदम।

न औकात भूलो, बने हैसियत तो,
पलटकर दिखाती है औकात सबको।

‘चहल’ बात करता, जो लगती भली है,
मेरी ज़िन्दगी भी इन्हीं से खिली है॥

परिचय–हीरा सिंह चाहिल का उपनाम ‘बिल्ले’ है। जन्म तारीख-१५ फरवरी १९५५ तथा जन्म स्थान-कोतमा जिला- शहडोल (वर्तमान-अनूपपुर म.प्र.)है। वर्तमान एवं स्थाई पता तिफरा,बिलासपुर (छत्तीसगढ़)है। हिन्दी,अँग्रेजी,पंजाबी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री चाहिल की शिक्षा-हायर सेकंडरी और विद्युत में डिप्लोमा है। आपका कार्यक्षेत्र- छत्तीसगढ़ और म.प्र. है। सामाजिक गतिविधि में व्यावहारिक मेल-जोल को प्रमुखता देने वाले बिल्ले की लेखन विधा-गीत,ग़ज़ल और लेख होने के साथ ही अभ्यासरत हैं। लिखने का उद्देश्य-रुचि है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-कवि नीरज हैं। प्रेरणापुंज-धर्मपत्नी श्रीमती शोभा चाहिल हैं। इनकी विशेषज्ञता-खेलकूद (फुटबॉल,वालीबाल,लान टेनिस)में है।

Leave a Reply