अच्छा है

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** ममता… साथ निभाना अच्छा है,समझे… उसे समझाना अच्छा है। नेकी… करते जो हाथ जले तो,गलतियाँ… दोहराना अच्छा है। गुस्से से… जब खून उबलता हो,गम… उस वक्त चबाना…

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बिखर तो गई

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** बेबुनियाद थी उम्मीद बिखर तो गयी।हदे इंतजार तक चलो नजर तो गयी। सारी कायनात हम अश्कों से धोते रहे,इस बहाने गर्दे जिंदगी निखर तो गयी। बुन-बुन बेशुमार…

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न वादा करो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* न वादा करो तुम, कभी भी किसी से।बदल कर यहां हाल, मिलते सभी से। यहां साॅंस-धड़कन, सभी कुछ बदलता,बदलकर किसी को, कभी फिर न…

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नहीं झुकेगा देश हमारा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** नहीं झुकेगा देश हमारा,है बलशाली आज।शान से बढ़े देश हमारा,है खुशहाली आज। देशभक्ति बहे है लहू में,साँस ही देशभक्ति,मर मिटने को इसके वास्ते,इसके माली आज। पूर्ण…

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स्वर्ग यही है देश हमारा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** गणतंत्र दिवस विशेष.... हे माँ भारती बड़ा अद्भुत,तेरा यह श्रृंगार।शीश हिमालय व सागर चरण,नदियाँ जंगल थार। स्वर्ग यही है देश हमारा,जग में यह है श्रेष्ठ,राम कृष्ण…

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सबक सिखाना होगा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचना शिल्प:सरसी/कबीर छंद पर आधारित/ प्रथम चरण चौपाई और दूसरा चरण दोहा, १६+११=२७ मात्र भार नारी का अपमान करे जो,करे उन्हें बदनाम,मनुज नहीं राक्षस सम है…

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नदी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:समांत-अल,पदांत-है मात्रा भार-१८... उछलती जल राशि हर पल है,बहुत इसके वेग में बल है। हटाती हैं राह के प्रस्तर,नदी की हर लहर चंचल है। बहे यह…

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इक निगाह माँगते हैं

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रहें कैसे जिंदा हम सलाह माँगते हैं।मौत से कह दो एक गुनाह माँगते हैं। तेरा झूम के खिल-खिल अदा से हँसना,गुले-गुलशन इक निगाह माँगते हैं। बिखरते मोती रुखसार…

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देश बचाने कौन आयेगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हमारे देश को फिर से बचाने कौन आयेगा,लहू दुश्मन का धरती पर बहाने कौन आयेगा। बहुत कुर्बानियां देकर के पायी थी ये आज़ादी,हमें फिर से वो…

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क्या तुम…?

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** क्या तुम सच में प्यार करोगे ?या मारोगे और मरोगे ?? सच बतलाओ झूठ न बोलो,क्या मुझको स्वीकार करोगे ?? सोच-समझकर बतलाओ प्रिय,क्या मुझ पर एतबार…

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