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जमीन से जुड़े साहित्यकार हैं डॉ. ‘मानव’

‘वैश्विक साहित्य महोत्सव’

नारनौल (हरियाणा)।

जमीन से जुड़े सहित्यकार हैं डॉ रामनिवास ‘मानव’। देश और समाज के प्रति इनके सरोकार बहुत गहरे हैं।
यह बात हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कही। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामनिवास ‘मानव’ के सृजन की अर्द्धशती पर वैभव रिसॉर्ट (गोकलपुर) में आयोजित ‘वैश्विक साहित्य-महोत्सव’ में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि देश और समाज के प्रामाणिक यथार्थ-चित्रण के कारण डाॅ. ‘मानव’ के साहित्य को विगत अर्द्धशती का ऐतिहासिक दस्तावेज़ कहा जा सकता है।
नेपाल के पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री त्रिलोचन ढकाल ने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. ‘मानव’ को अक्षय ऊर्जा और बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताया। इन्होंने कहा कि अपनी रचनाधर्मिता के बल पर हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशिष्ट अतिथि जिला महेंद्रगढ़ के उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर, अटलबिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. खेमसिंह डहेरिया, सिंघानिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. उमाशंकर यादव, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद् (नई दिल्ली) के निदेशक नारायण कुमार और ओडिशा के पूर्व डीजीपी दिरगपाल सिंह चौहान ने भी डॉ. ‘मानव’ को बधाई देते हुए उनके सृजन की महत्ता को रेखांकित किया। डॉ. दीपक पांडेय और डॉ. नूतन पांडेय तथा डाॅ. सुरेशचंद्र शुक्ल ने भी डाॅ. ‘मानव’ के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. हरमहेंद्र सिंह बेदी द्वारा संपादित ‘डॉ. रामनिवास ‘मानव’:सृजन की अर्द्धशती’ ग्रंथ सहित एक दर्जन पुस्तकों और २ पत्रिकाओं के विशेषांकों का लोकार्पण भी किया गया। अलवर (राजस्थान) के वरिष्ठ कवि संजय पाठक द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना-गीत तथा स्वागताध्यक्ष एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा द्वारा दिए स्वागत भाषण के बाद दिल्ली की प्रतिष्ठित कवियित्री उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ के कुशल संचालन में हुए इस ऐतिहासिक और अविस्मरणीय समारोह में डाॅ. ‘मानव’ ने भी अपनी सृजन-यात्रा और रचना-प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर लगाई गई डॉ. ‘मानव’ के साहित्य की प्रदर्शनी आकर्षण का विशेष केंद्र रही। लगभग ३ घंटे चले इस कार्यक्रम में देश-विदेश के शताधिक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।

ये हुए सम्मानित
ट्रस्ट द्वारा इस अवसर पर देश-विदेश की ५० विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित भी किया गया। इसमें नेपाल से त्रिलोचन ढकाल, श्रीओम श्रेष्ठ ‘रोदन’, डॉ. पुष्करराज भट्ट और डॉ. श्वेता दीप्ति, डॉ. कपिल लामिछाने (भैरहवा), प्रो कलानाथ बियोगी (महेंद्रनगर) तथा हरीशप्रसाद जोशी (कंचनपुर), श्रीलंका से डॉ. लक्ष्मण सेनाविराठने, सिंगापुर से डाॅ. संध्या सिंह, न्यूजीलैंड से रोहित कुमार ‘हैप्पी’, जापान से डॉ. रमा शर्मा, मॉरीशस से कल्पना लालजी, अंजू घरभरन और रामदेव धुरंधर, नॉर्वे से डॉ. सुरेशचंद्र शुक्ल, जर्मनी से डॉ. योजना शाह जैन, नीदरलैंड्स से डाॅ. पुष्पिता अवस्थी, बुल्गारिया से डॉ. मोना कौशिक, ब्रिटेन से केबीएल सक्सेना और तेजेंद्र शर्मा एवं अमेरिका से डॉ. कमला सिंह, स्नेह ठाकोर (टोरंटो) तथा भारत से डॉ. विकास दवे व डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ (मुंबई) आदि शामिल रहे।

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