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प्रेम ही जीवन की पहली और अंतिम संतुष्टि-मंजू सक्सेना

पटना (बिहार)।

मुझे वैसी कहानियां अधिक पसंद आती है, जो कहानी चाहें किसी भी पृष्ठ भूमि लिखी गई हो, लेकिन वह कहीं न कहीं पाठक से भावनात्मक रूप से भी जुड़ी हुई हो। अर्थात उसकी विषय वस्तु यथार्थ में हो। इनमें प्रेम सर्वोपरि है, क्योंकि प्रेम ही जीवन की पहली और अंतिम संतुष्टि है।
यह बात भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में आयोजित ऑनलाइन कथा सम्मेलन में मुख्य अतिथि वरिष्ठ लेखिका मंजू सक्सेना (लखनऊ) ने कही। इस अवसर पर संचालन करते हुए कवि सिद्धेश्वर ने कहा कि, कथा साहित्य हमारे जीवन की अभिव्यक्ति है, साथ ही व्यक्ति और समाज का आईना भी।सच तो यह है कि, कहानी हम पढ़ते नहीं, बल्कि कहानी हमें पढ़वाती है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में चर्चित कथा लेखिका इंदू उपाध्याय ने कहा कि, नए कथाकारों के लिए मेरे विचार से कहानियां ऐसी हो, जिसमें रोचकता के साथ साथ कथानक में आकर्षण भी हो। लेखिका माधुरी भट्ट ने भी अपनी बात रखी।

इस अवसर पर जयंत, इरा जौहरी, मंजू सक्सेना, अपर्णा गुप्ता और नीलम नारंग सहित अन्य ने भी कहानी का पाठ किया, जिसने हजारों दर्शकों का मन मोह लिया।