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बच्चा और चाँद

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष………..


ऐ चाँद हम आये तेरे द्वारे,
चलते सागर के किनारे।
बादल की ओट में न छिपना,
ऐ दोस्त झिलमिल तारेll

लहरों में दौड़ लगाओ तुम,
हम पीछे-पीछे आयेंगे।
ऊपर-नीचे,नीचे-ऊपर,
मिलकर के शोर मचायेंगेll
नीले अम्बर में रहते तुम,
क्यों न जमीं पर आते प्यारे…

धरती की ओस कणों में तुम,
मुसकाते हँसते रहते हो।
भोर की लाल किरण को तुम,
अलविदा करते चलते होll
रवि का मधुर प्रकाश छोड़,
तुम रहते हो अंधियारे प्यारे…

आना तुम मेरे घर इक दिन,
चुपके से रोशनदान से।
मैं बिस्तर से उठ बैठूँगा,
एक लम्बे अरमान सेll
मैं नन्हा-मुन्ना मित्र तेरा,
देखूँगा राह तुम्हारे…l
ऐ चाँद हम आये तेरे द्वारे…ll

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