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बाल वाटिका

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

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विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष………..


विश्व बाल वाटिका सदा हरी-भरी रहे,
देश के कर्णधार हैं
शक्ति की पुकार हैं,
सौम्य के भंडार हैं।
अभुदय हो नित प्रति,
ज्योति प्रज्ज्वलित रहे॥
विश्व बाल वाटिका…

तुम जग की ज्योति हो,
विश्व की विभूति हो
नित नवीनकर्म में,
नव सदा स्फूर्ति हो।
आशाओं की नव छटा,
सदा ही प्रमुदित रहे॥
विश्व बाल वाटिका…

तुम ही सब भगवान हो,
तुम ही नव इंसान हो
प्रगति के नवराग में,
तुम ही नवीन तान हो।
तुम्हारा सौम्य स्वर सदा,
कर्म-तान में रहे॥
विश्व बाल वाटिका…

‘विश्व बाल दिवस’ है यह,
क्यों न हो हमें इससे नेह
परस्पर प्रेम भाव को,
सदा लाएंगे अपने गेह।
आज शपथ ले हम यही,
प्रेम भाव से सदा रहें॥
विश्व बाल वाटिका सदा हरी भरी रहे…

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

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