डाॅ.आशा सिंह सिकरवार
अहमदाबाद (गुजरात )
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जिन्होंने हमारी बेटियों को नोंच-नोंच खाया,
अबोधिनी ने स्वयं को कितना अकेला पाया होगा
रक्त से तर देह पर,
न जाने कितने प्रहार सहे होंगे
पीड़ा में काँपती जुबां ने,
‘माँ’ पुकारा होगाl
नादान थी वह,
अच्छे-बुरे का फर्क नहीं पहचानती थी
आदमी और आदमी में भी अन्तर होता है,
एक पिता होता है,और एक दानवl
ये क्या हो गया है मानव को,
अपना ही अस्तित्व मिटाने चला हैl
बेटियाँ जब नहीं बच पा रहीं हैं,
तब पढ़ेगी कैसे ?
अपने अस्तित्व के लिए लड़ेगी कैसे ?
घात लगाए बैठे हैं हर मोड़ पर दरिंदे,
साज़िशों के घर बहुत गहरे हैं
अपराध कर ये छूट कैसे जाते हैं,
कानून की गिरफ्त से ‘सोचो जरा’
फिर-फिर अपराध का साहस करते हैं,
इनको मृत्यु दण्ड भी कम लगता है
कड़ा रूख़ अपनाना होगा,
नया कानून बनाना होगा
न्याय मंदिर के बाहर,
भीड़ को न्याय सुनाना होगाl
बताओ! बेटियों की सुरक्षा का भार कौन उठाएगा,
न्याय की भाषा कौन सुनाएगा ?
चलो!शंखनाद करें,
ख़तरे में है औरत का वजूद
रणभूमि का उद्घोष करेंl
बेटियों की खातिर चुप्पी तोड़ें
हर दिशा में आगाज़ करेंll
परिचय–डाॅ.आशासिंह सिकरवार का निवास गुजरात राज्य के अहमदाबाद में है। जन्म १ मई १९७६ को अहमदाबाद में हुआ है। जालौन (उत्तर-प्रदेश)की मूल निवासी डॉ. सिकरवार की शिक्षा- एम.ए.,एम. फिल.(हिन्दी साहित्य)एवं पी.एच.-डी. है। आलोचनात्मक पुस्तकें-समकालीन कविता के परिप्रेक्ष्य में चंद्रकांत देवताले की कविताएँ,उदयप्रकाश की कविता और बारिश में भीगते बच्चे एवं आग कुछ नहीं बोलती (सभी २०१७) प्रकाशित हैं। आपको हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी कलम से गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी के उपन्यास ‘विजय बाहुबली’ का हिन्दी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। प्रेरणापुंज-बाबा रामदरश मिश्र, गुरूदेव रघुवीर चौधरी,गुरूदेव श्रीराम त्रिपाठी,गुरूमाता रंजना अरगड़े तथा गुरूदेव भगवानदास जैन हैं। आशा जी की लेखनी का उद्देश्य-समकालीन काव्य जगत में अपना योगदान एवं साहित्य को समृद्ध करने हेतु बहुमुखी लेखनी द्वारा समाज को सुन्दर एवं सुखमय बनाकर कमजोर वर्ग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मूल संवेदना को अभिव्यक्त करना है। लेखन विधा-कविता,कहानी,ग़ज़ल,समीक्षा लेख, शोध-पत्र है। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी से भी प्रसारित हैं। काव्य संकलन में आपके नाम-झरना निर्झर देवसुधा,गंगोत्री,मन की आवाज, गंगाजल,कवलनयन,कुंदनकलश,
अनुसंधान,शुभप्रभात,कलमधारा,प्रथम कावेरी इत्यादि हैं। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको-भारतीय राष्ट्र रत्न गौरव पुरस्कार(पुणे),किशोरकावरा पुरस्कार (अहमदाबाद),अम्बाशंकर नागर पुरस्कार(अहमदाबाद),महादेवी वर्मा सम्मान(उत्तराखंड)और देवसुधा रत्न अलंकरण (उत्तराखंड)सहित देशभर से अनेक सम्मान मिले हैं। पसंदीदा लेख़क-अनामिका जी, कात्यायनी जी,कृष्णा सोबती,चित्रा मुदगल,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश, चंद्रकांत देवताले और रामदरश मिश्र आदि हैं। आपकी सम्प्रति-स्वतंत्र लेखन है।