अंजना सिन्हा ‘सखी’
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
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करती वंदन देख सदा मैं, हे चित्रगुप्त भगवान।
भरिए जीवन में आप सदा, देख सदा अब ज्ञान॥
ब्रह्मा तन से जन्म लिए हो, कर में कलम-दवात।
पाप-पुण्य का लेखा-जोखा, सदा आपको ज्ञात॥
तमस मिटाएँ आप सदा अब, दे दें अब वरदान।
करती वंदन देख सदा मैं हे चित्रगुप्त भगवान॥
ब्रह्मा लोक में जन्म लिए हो, पाते तुम हो मान।
साँवले वर्ण कि आप हुए, मंत्री पद पहचान॥
तमस मिटाकर आप देखिए भर दें मुझमें ज्ञान।
करती वंदन देख सदा मैं, हे चित्रगुप्त भगवान॥