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भारतीय राजनीति के दूसरे ‘भीष्म पितामह’

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में २५ दिसम्बर सन् उन्नीस सौ चौबीस को हुआ। वे बचपन से अन्य महान आत्माओं की तरह मेधावी व्यक्तित्व के पुरोधा थे। अटल बिहारी वाजपेयी कवि, पत्रकार एवं एक प्रखर वक्ता थे। उन्होंने भारतीय जनसंघ नामक संस्था की स्थापना की, और १९६८ से ७३ तक अध्यक्ष रहे। अटल बिहारी वाजपेयी ने पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। श्री वाजपेयी ४ दशक तक भारतीय संसद के सदस्य रहे। अटल जी आजीवन अविवाहित रहे, इसीलिए उन्हें ‘भीष्म पितामह’ की उपाधि भी मिली।
१९५७ में बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद के तौर पर पहली बार चयनित हुए और उसके बाद १९८४ को छोड़ कर ९ बार चयनित हुए। अटल जी १६ मई (१९९६) को भारत के दसवें प्रधानमंत्री बने, लेकिन सिर्फ १३ दिन के लिए, पर पुनः चयनित होकर लोकसभा में आए और करीब ८ महीने प्रधानमंत्री रहे। अगले चुनाव में फिर से चयनित हुए और तीसरी बार प्रधानमंत्री ब नकर कार्यकाल पूरा किया।
उन्होंने २४ दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी, जिसमें ८१ मंत्री थे। वे मध्यप्रदेश से प्रधानमंत्री बनने वाले पहले और अब तक एकमात्र व्यक्ति हैं।
परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की संभावित नाराजगी से विचलित हुए बिना उन्होंने अग्नि-२ और परमाणु परीक्षण (पोखरण) करवाने का साहसी कदम उठाया।
अटल जी भारत वर्ष के पहले विदेश मंत्री थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया। ऐसे ही अटल जी, पण्डित जवाहरलाल नेहरू तथा इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक भारत के गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे।
श्री वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ बहुत अच्छे कवि, लेखक व साहित्यकार थे। १६ अगस्त २०१८ को उनका निधन हो गया।

श्री वाजपेयी भारतीय राजनीति में राष्ट्रीयता के प्रति समर्पित एक महान व्यक्तित्व थे। भारतीयता के पुजारी थे। भारतवर्ष के राष्ट्रीय पटल पर उनका नाम सदैव स्वर्णाक्षरों से अंकित रहेगा।

परिचय–हीरा सिंह चाहिल का उपनाम ‘बिल्ले’ है। जन्म तारीख-१५ फरवरी १९५५ तथा जन्म स्थान-कोतमा जिला- शहडोल (वर्तमान-अनूपपुर म.प्र.)है। वर्तमान एवं स्थाई पता तिफरा,बिलासपुर (छत्तीसगढ़)है। हिन्दी,अँग्रेजी,पंजाबी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री चाहिल की शिक्षा-हायर सेकंडरी और विद्युत में डिप्लोमा है। आपका कार्यक्षेत्र- छत्तीसगढ़ और म.प्र. है। सामाजिक गतिविधि में व्यावहारिक मेल-जोल को प्रमुखता देने वाले बिल्ले की लेखन विधा-गीत,ग़ज़ल और लेख होने के साथ ही अभ्यासरत हैं। लिखने का उद्देश्य-रुचि है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-कवि नीरज हैं। प्रेरणापुंज-धर्मपत्नी श्रीमती शोभा चाहिल हैं। इनकी विशेषज्ञता-खेलकूद (फुटबॉल,वालीबाल,लान टेनिस)में है।