🔸१०१ लेखकों की कीर्तिमानी पुस्तक का भव्य विमोचन किया छग के उप-मुख्यमंत्री ने
रायपुर (छ्ग)।
‘मध्य भारत का फेफड़ा-हसदेव’ वैश्विक काव्य संग्रह न सिर्फ सरकारी तंत्र को नींद से जगाने में सफल होगा, अपितु यह प्राणवायु देने वाली हसदेव अरण्य को नष्ट होने से बचाकर वहाँ के निवासियों को भी न्याय दिलाकर अपने उद्देश्यपूर्ति में अपना योगदान देगा, क्योंकि इसमें १०१ साहित्यकारों की लेखनी की महती भूमिका है।
यह विचार छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए, जिनके हस्ते ‘मध्य भारत का फेफड़ा-हसदेव’ वैश्विक काव्य संग्रह का भव्य विमोचन रायपुर के सिविल लाईन स्थित वृंदावन हॉल में हुआ। समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि राजेश्री महंत रामसुंदर दास महाराज जी (दूधाधारी मठ व पूर्व विधायक), डॉ. विनय पाठक (पूर्व अध्यक्ष, राजभाषा आयोग, छग), डॉ. स्नेहलता पाठक (व्यंग्यकार), रामेश्वर शर्मा (वरिष्ठ गीतकार), बी.आर. बिश्नोई, डॉ. सत्यजीत साहू (एमडी गुडविल हॉस्पिटल, रायपुर), मंगल उरांव (भटगांव क्षेत्र), डॉ. सोनल शर्मा (गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रभारी, छग) ने भी उपस्थिति दी। अध्यक्षता डॉ. उदयभान सिंह चौहान (भागीरथ, छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण) ने की तो आयोजक राजकुमार छापड़िया (साहित्यकार, मुंबई) भी उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान की प्रदेश संयोजिका व सम्पादक डॉ. आशा आजाद ‘कृति’ द्वारा यह समारोह २ सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम में माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन और राजकीय गीत प्रस्तुत किया गया। अतिथियों के स्वागत पश्चात डॉ. आजाद ने बताया कि ‘मध्य भारत का फेफड़ा-हसदेव’ एक विश्व स्तरीय काव्य संकलन है, जिसका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ स्थित हसदेव अरण्य जो आज खतरे में है, के संरक्षण और संवर्धन को लेकर लिखा गया है। पुस्तक को वन्य संरक्षण पर आधारित पहला कविता संग्रह होने के कारण गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रभारी डॉ. शर्मा द्वारा ‘गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ से पुरस्कृत किया गया है।
अतिथियों ने सभी साहित्यकारों को कीर्तिमान के सम्मान-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। अन्य अतिथियों द्वारा भी विचार रखते हुए आयोजक समिति को बधाई दी गई। अतिथि सम्मान शॉल व प्रतीक चिन्ह देकर किया गया।
कार्यक्रम की सफलता में सुप्रिया शर्मा, सुषमा पटनायक, आयुष दीप आजाद, सुनील कुमार सिन्हा एवं डॉ. भारती अग्रवाल आदि का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन डॉ. गुलशन ‘खम्हारी’ एवं विशेष सलाहकार पुष्पराज साहू ‘राज’ ने ने शायराना अंदाज में किया। इसके समापन पर आभार प्रदर्शन डॉ. आजाद ने किया।
🔹हँसाया, तो चेताया भी-
समारोह के द्वितीय सत्र में देशभर से आए सभी साहित्यकारों के लिए कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें प्रथम सत्र के अतिथियों के साथ अन्य अतिथि में उषा सिंह (दिल्ली) व राजकुमार छापड़िया भी मंचासीन रहे। सभी कवियों ने अपनी प्रतिनिधि रचना पढ़कर हँसाते हुए कई गंभीर मुद्दों पर चिंतन करने के लिए भी मजबूर किया।