कुल पृष्ठ दर्शन : 471

You are currently viewing मुहब्बत एक जुमला और बेमानी तसव्वुर है- प्रमोद कुश ‘तनहा’

मुहब्बत एक जुमला और बेमानी तसव्वुर है- प्रमोद कुश ‘तनहा’

लोकार्पण एवं काव्य संध्या

मुम्बई (महाराष्ट्र)।


गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ‘सुधा साहित्य सामाजिक संस्था’ द्वारा सुश्री रजनी साहू के काव्य संग्रह ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम्’ का लोकार्पण समारोह एवं काव्य संध्या आयोजित की गई। लोकार्पण मुंबई प्रेस क्लब में रचनाकार डॉ. राजाराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. रमेश यादव, विशिष्ट अतिथि अरविंद शर्मा ‘राही’, अनंत श्रीमाली, प्रमोद कुमार कुश ‘तनहा’ ने यह लोकार्पण किया। आपने शानदार रचना ‘मुहब्बत एक जुमला और बेमानी तसव्वुर है’ पेश की।
इस अवसर पर आमंत्रित कविगण-डॉ. मुकेश गौतम, डॉ. वर्षा सिंह, रितु भंसाली, जे.पी. सहारनपुरी, मार्गदर्शक सीमा ठाकुर, विशेष सलाहकार छत्रसाल साहू और मंच संचालक की भूमिका में अश्वनी ‘उम्मीद’ उपस्थित रहे। पहले सत्र में डॉ. त्रिपाठी, प्रमोद कुमार कुश ने पुस्तक पर अपना वक्तव्य दिया।
डॉ. त्रिपाठी की दिल्ली से प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘ककसाड़’ के जुलाई अंक के विमोचन का सौभाग्य भी मंच को प्राप्त हुआ। द्वितीय सत्र में डॉ. त्रिपाठी की कविताओं से काव्य संध्या का शुभारंभ हुआ। सुप्रसिद्ध फ़िल्म गीतकार एवं ग़ज़लकार प्रमोद कुमार कुश ने मुक्तक और ख़ूबसूरत ग़ज़लों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मशहूर पर्यावरणविद् डॉ. गौतम के हास्य रस से सभा कक्ष ठहाकों से गूँज उठा। डॉ. वर्षा ने दोहे और सुंदर गीत सुनाए। अश्वनी उम्मीद ने हिंदी की ग़ज़ल और कविताओं का सुंदर प्रदर्शन किया। रजनी साहू ने क्षणिकाएँ और अपनी अतुकांत कविताएँ पढ़ीं। नवोदित कवयित्री रितु भंसाली ने भावपूर्ण रचनाओं के माध्यम से बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। संस्थापक छत्रसाल साहू ने सभी का आभार प्रकट किया।

Leave a Reply