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मेक-अप ट्रेन का…

सीमा जैन ‘निसर्ग’
खड़गपुर (प.बंगाल)
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टेसन पर मैं बैठी सोच रही,
हाय, कब आएगी ट्रेन मेरी ?
ये क्यों इतना तड़पाती है,
जब देखो लेट हो जाती है।

किसके कहने पर चलती है,
क्या जानकर लेट करती है ?
सब कहते हैं चिंता ना करो,
मेक-अप बाद में करती है।

छह घंटे से लेट है चलती,
इतना कितना मेक-अप करती ?
इतना मेक-अप तो लड़की भी,
शादी में अपनी नहीं करती।

किस पार्लर में जाती होगी,
कितनी लाली लगाती होगी ?
पावडर का तो हाल न पूछो,
क्या लाइनर खिंचवाती होगी ?

कैसा अजब ज़माना है आया,
भाषा का गज़ब हास्य हो गया ?
मेक-अप में बदनाम थी लड़की,
अब ट्रेन का वही हाल हो गया॥