कुल पृष्ठ दर्शन : 210

You are currently viewing यह उम्र बीत रही

यह उम्र बीत रही

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

***************************************

यह उम्र बीत रही है,
जैसे-तैसे करते-करते।
और क्या माँगूं मोहन,
थक गया कहते-कहते॥

तुम ही हो एक सहारा,
दिखलाओगे किनारा।
अब तेरा ही है आसरा,
लुट गया सहते-सहते॥
थक गया कहते-कहते…

इस जग ने यूँ पकड़ा,
मोह-माया ने जकड़ा।
मैं भवसागर से बच के,
आ गया हूँ बहते-बहते॥
थक गया कहते-कहते…

देखा यह सारा तमाशा,
अब तुझसे ही है आशा।
अब मन नहीं लग रहा,
इस दुनिया में रहते-रहते॥

और क्या माँगूं मोहन,
थक गया कहते-कहते॥

परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

Leave a Reply