कुल पृष्ठ दर्शन : 358

रक्षाबंधन पर्व

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
****************************************************

रक्षाबंधन पर्व निकट रहा,
मन आतुर व्याकुल ये कह रहा-
मैं उसको तिलक लगाऊंगी।

जिसका तन पाषाण-सा द्दढ़ हो,
जिसके बाहुबल में बल हो
मन गंगा-सा निर्मल हो,
जो मातृभूमि का संबल हो
मैं उसको तिलक लगाऊँगी।

जो बन गुलाब का फूल खिले
काँटों के जंगल में खेले
संघर्षों में बढ़ता जाए,
जंगल में मंगल गीत सुनाए
मैं उसको राखी बाँधूगी।

भटकों को राह बताए जो,
गिरतों को हाथ उठाए जो
मेहनत की थाह लगाए जो,
जनमन में चाह उठाए जो
मैं उसको तिलक लगाऊँगी।

जो अधियारों का दीपक हो,
जो असहायों का सेवक हो
जो बनें बुढ़ापे की लाठी,
अपने कुल का कुल दीपक हो
मैं उसको तिलक लगाऊँगी।
मैं उसको राखी बाँधूंगी॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

Leave a Reply