मुम्बई (महाराष्ट्र)।
अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है कि इस वर्ष का ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार-२०२१’ (प्रथम स्थान)’गगनांचल’ पत्रिका को प्रदान किया जा रहा है। १४ सितंबर २०२१ को भारत के राष्ट्रपति द्वारा यह सम्मान दिया जाएगा।
पत्रिका के सम्पादक डॉ. आशीष कंधवे ने इस अवसर पर सबके रचनात्मक एवं सकारात्मक सहयोग के लिए आभार प्रकट किया है। आपके अनुसार,गगनांचल पत्रिका सन् १९७७ से निरंतर प्रकाशित हो रही है,जिसकी स्थापना तत्कालीन विदेश मंत्री एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर)के अध्यक्ष भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने की थी। श्री वाजपेई इस विचार के प्रबल समर्थक थे कि भारतीय ज्ञान,संपदा, साहित्य,संस्कृति और भाषा के विकास के लिए वैश्विक स्तर पर पत्रिकाओं के माध्यम से हमारी सभ्यता का विस्तार होना चाहिए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर अटल जी ने गगनांचल पत्रिका का प्रकाशन आरंभ ही नहीं किया,अपितु साहित्य संसार की एक प्रतिष्ठित पत्रिका के रूप में उसे स्थापित कर दिया।
सम्पादक डॉ. कंधवे से ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ परिवार की ओर से निदेशक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ ने भेंट की,व हार्दिक बधाई दी है।
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुंबई)