सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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ध्यान रखिए सदा औरों को बताते रहिए,
रिश्ते हमदर्दी के सबसे निभाते रहिए
भूखा सोया है अगर कोई जगाते रहिए,
होगा सब ठीक यही ख़्वाब दिखाते रहिए।
क्या कहूँ कैसा हो गया है इस इंसान का दिल,
आपसे जितना बने प्यार लुटाते रहिए
और यदि प्यार हो जाए किसी से भी कभी,
पूरे ईमान से रिश्ते को निभाते रहिए।
यारी रखते हैं अगर आप दोस्ती के लिए,
भूले-भटके ही सही मिलते-मिलाते रहिए
जिसने खुद को मिटा दिया हमें बनाने में,
उसके स्वागत में सदा जान बिछाते रहिए।
क्या पता उनकी दुआ का ही असर हो ये,
उनकी आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए।
जाने कब आख़िरी दिन हो जाए याद रखिए ये,
कोई अब सो न सके गीत वो गाते रहिए॥