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वैश्विक हिंदी-सेवा सम्मान-२०२१-२२ घोषित,९ अप्रैल को समारोह

मुम्बई(महाराष्ट्र)।

हिंदी सहित भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ाने के लिए कार्यरत संस्था ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ द्वारा वर्ष २०२१-२२ के लिए ‘वैश्विक हिंदी सेवा सम्मानों’ की घोषणा कर दी गई है। वैश्विक हिंदी सेवा-सम्मान ९ अप्रैल वैश्विक हिंदी सेवा-सम्मान दिनांक 9 अप्रैल २०२२ को गोरेगाँव, (मुंबई) में आयोजित कार्यक्रम में में प्रदान किए जाएँगे।
सम्मेलन(मुंबई) के निदेशक डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ ने बताया कि, सम्मानों के लिए जिन अधिवक्ताओं व भाषा सेनानियों का चयन किया गया है,ये सब अपने राज्यों के न्यायालयों,उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय आदि में हिंदी भाषा को लेकर निरंतर संघर्ष कर रहे हैं और जनता को जनभाषा में न्याय दिलवाने के लिए मार्ग बनाने के लिए संघर्षरत हैं। इसके साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी राजभाषा और जनभाषा के रूप में जनता की सुविधा के लिए हिंदी के प्रयोग के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। इस संघर्ष में इन्हें बहुत सी सफलताएँ भी मिली हैं। संघर्ष जारी है,साथ ही ऐसे साहित्य सेवी भी हैं जो आधी सदी से भी अधिक समय से हिंदी और भाषा व साहित्य के प्रचार-प्रसार,साहित्य सृजन व साहित्य-सेवा में लगे हुए हैं। आपने बताया कि,सम्मान पाने वालों में प्रदीप कुमार(हिंदी-सेवी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता,इलाहबाद उच्च न्यायालय-वैश्विक आजीवन हिंदी सेवा सम्मान ),मधुकांत(वरिष्ठ साहित्यकार-वैश्विक आजीवन हिंदी साहित्य-सेवा सम्मान),डॉ. उमाकांत बाजपेई (हिंदी-सेवी व निदेशक-आशीर्वाद,वैश्विक आजीवन हिंदी-सेवा सम्मान),नवीन कौशिक(हिंदी-सेवी एवं अधिवक्ता,चंडीगढ़ उच्च न्यायालय-वैश्विक हिंदी-सेवा सम्मान)और इंद्रदेव प्रसाद(हिंदी-सेवी एवं अधिवक्ता,पटना उच्च न्यायालय-वैश्विक हिंदी-सेवा सम्मान)हैं।

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुम्बई)

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