उद्घाटन…
इंदौर (मप्र)।
साहित्य, कला ही हमारी भारतीय संस्कृति के प्राण हैं। हमारी इस संस्कृति को मुगल और अंग्रेज साम्राज्य नहीं मिटा पाए, वह दुर्भाग्य से आज हम मिटते हुए देख रहे हैं। आज इस संस्कृति को बचाना ही सच्ची राष्ट्रीयता है। जो कार्य शासन अब तक नहीं कर पाया, वह काम बखूबी ‘वनमाली’ संस्था कर रही है।
रबिन्द्रनाथ टैगोर विवि व आईसेक्ट द्वारा स्थापित वनमाली सृजन पीठ की इन्दौर शाखा का उद्घाटन सोमवार को मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल ने करते हुए यह विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता प्रो. रुपाली सारये ने की।
कार्यक्रम में स्वागत उदबोधन क्षेत्रीय संचालक अभिजीत चौबे ने दिया। डॉ. सारये ने पीठ की स्थापना पर बधाई दी। कवि पारस बिरला व यश पटेल ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन मणिमाला शर्मा ने किया। आभार गंगा वर्मा ने माना।