डोमन निषाद
बेमेतरा(छत्तीसगढ़)
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जब भी तुम,
मेरे नजरों के सामने
दिखाई नहीं देती हो,
तो दिल मेरा
उदास हो जाता है।
चाहत है तू मेरी,
जिंदगी बन जाओ
सनम तेरी याद आती है…।
हर पल तुम्हें,
देखकर जीना चाहता हूँ
बस यही मेरी ख्वाहिश हैl
जब तक तू बात करेगी,
तब तक मेरी साँस चलेगी
सनम तेरी याद आती है…।
ऐ खुदा तूने,
क्या सजा दी
जिसे मैं जान समझा,
उसी ने बर्बाद किया।
अब क्यों ? याद आती हो,
सनम तेरी याद आती है…।
तुम्हीं ने तो की है बेवफ़ाई,
फिर क्यों याद करती हो
कैसे सभालूँ पागल दिल है,
नहीं समझता जज़्बात को
सनम तेरी याद आती है…ll