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सभी स्थानीय भाषाओं की सहेली बने हिन्दी-अमित शाह

नई दिल्ली।

किसी भी स्थानीय भाषा के साथ हिंदी की स्पर्धा न हो। पिछले १० वर्षों में समिति ने प्रयास किया है कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की सहेली बने और इसकी किसी से कोई स्पर्धा न हो।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह बात संसदीय राजभाषा समिति का पुनः अध्यक्ष चुन लिया जाने के बाद आयोजित बैठक में कही। नयी सरकार के गठन के बाद संसदीय राजभाषा समिति के पुनर्गठन के लिए सोमवार को नई दिल्ली में समिति की बैठक हुई। वर्ष २०१९ से २०२४ के दौरान भी समिति के अध्यक्ष रहे गृह मंत्री ने सर्वसम्मति से पुनः अध्यक्ष चुने जाने पर सभी सदस्यों के प्रति आभार जताया।

🔵सभी भाषाओं के अनुवाद के लिए सॉफ्टवेयर
अमित शाह ने कहा कि राजभाषा विभाग इस प्रकार का सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जिससे आठवीं अनुसूची की सभी भाषाओं का अपने-आप तकनीकी आधार पर अनुवाद हो सके। इससे और विकास होगा।

🔵शिक्षा नीति में मातृभाषा पर जोर
गृह मंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस, लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, राजगोपालाचारी, के.एम. मुंशी और सरदार पटेल आदि में से कोई भी हिंदी भाषी क्षेत्र से नहीं आते थे, पर इन्होंने एक भाषा को महसूस किया।