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सरल सुगम है अपनी भाषा

तेरस कैवर्त्य ‘आँसू’
सोनाडुला(छत्तीसगढ़)

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अति सुन्दर मन लगे सुहानी। बोल लिखे इस लिपि में ज्ञानी॥
बहुत वर्ण स्वर हिन्दी माला। हिन्द देश अरमान निराला॥

सरल सुगम है अपनी भाषा। फिर क्यों अन्य करें अभिलाषाll
दुल्हन जैसी खूब सजे है। अलंकार रस छंद बजे हैं॥

कवि लेखक साहित्य रचाते। मन को खोल विचार दिखाते॥
हिन्दी रचना सुन्दर गाना। गागर में सागर छलकाना॥

भारत ऊंचा नभ संसारी। मानक भाषा लाज हमारी॥
हिन्दी कभी भूल नहि जाना। मुख मंडल में इसे सजाना॥

गजब रंग दुनिया में छाया। मन जीवन में प्रेम जगाया॥
झूमें गाएँ सब नर-नारी। मेरी हिन्दी विपदा हारी॥

परिचय-५ अक्तूबर १९८४ को जन्मे तेरस राम कैवर्त्य का जन्म स्थान-सोनाडुला (बिलाईगढ़,छग) हैl इनका साहित्यिक उपनाम `आँसू` हैl यह वर्तमान में जिला महासमुंद (छत्तीसगढ़) के सागरपाली (बिछिया),बसना में बसे हुए हैंl स्थाई निवास गांव सोनाडुला परसाडीह, तहसील-बिलाईगढ़,जिला बलौदा बाजार (छग)हैl शहर बिलाईगढ़ के वासी तेरस राम की शिक्षा एम.ए.(अंग्रेजी) है। आप पेशे से शिक्षक हैं। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत लोगों को उचित सलाह देकर,गरीबों के प्रति सक्रिय सहानुभूति रखते हैं। आप छत्तीसगढ़ी एवं हिन्दी में भी गीत,ग़ज़ल, कविता,कहानी,एकांकी, निबंध,मुक्तक तथा दोहा लिखते हैं। आपकी रचनाएँ वेब पोर्टल और प्रकाशित हो रही हैं। लेखन के निमित्त आपको स्मृति चिन्ह,प्रशस्ति-पत्र इत्यादि सम्मान मिला है। ब्लॉग पर भी अपनी बात रखते हैं। विशेष उपलब्धि में कठिन परिश्रम कर मुकाम हासिल करना एवं गायन कला है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज के लोगों के मध्य एकता और प्रेम की भावना के पुट पर मौलिक रचना बनाना,महिलाओं को जागृत करना एवं हिन्दी सहित आंचलिक भाषा लेखन को बढ़ावा देना है।

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