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सामर्थ्यवान बने भारत

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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वैश्विक संकेतों से आज,
भारत सामर्थ्यवान है।
विश्व में भारत का अपूर्व रंग संग,
सर्वाधिक उच्च सम्मान है।

और सामर्थ्यवान बने भारत,
यही भारत की अभिलाषा है
नारी शिक्षा और संस्कार में पहुंचे आगे,
इसी दस्तूर की एक आशा है।

स्वतन्त्रता की चाहत सुरक्षित रहे यहां,
परतंत्रता का विध्वंस करें हमेशा यहां
निर्भय विचरण की खूब बयार बहे,
स्वतन्त्रता की उत्तम राह दिखे।

नारी शिक्षा पर हों सम्पूर्ण जोर,
इसमें हों खूब भागम-भाग
सब धर्म और मजहब का हो मान,
भरपूर जोश संग खूब उन्नयन व सम्मान।

सबमें खुशियाँ भरी रहें पुरजोर,
कुछ कमी नहीं यहाँ न कभी रहें
भाईचारे को हृदय से सम्मान मिले,
अपने देश के प्रति सबमें प्रमुखता से जुड़ाव रहे।

सम्पन्नता और उच्च नैतिकता रहे,
प्रगति पथ पर हमेशा मित्रता रहे
विविधता में समस्त समुदाय में एकता रहे,
न धर्म और मजहब पर यहां भिन्नता दिखे।

जहां राष्ट्र धर्म हों शिखर सुलभ,
उन्नत खोज और प्रयोग हो खूब सहज
अनुसंधान केन्द्र मुख्य यहां रहे सदा,
घर-घर में खुशहाली जगती रहे सदा।

वैभव विकास पर सदैव बात चले,
संयुक्त प्रशासन के संग सब साथ रहें।
भाई-भतीजावाद पर हो प्रहार सुलभ,
सबमें खुशियों की उत्तम राह बनें प्रबल।

सामर्थ्यवान बने अपना भारत महान,
विश्व में सर्वाधिक इसे मिलें सम्मान।
आओ हम-सब मिलकर एक उन्नत प्रयास करें,
सामर्थ्यवान भारत बनाने में हमेशा कामयाब बनें॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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