हैदराबाद (तेलंगाना)।
साहित्य सेवा समिति की १२२ वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन आभासी जरिए से २ सत्र में हुआ। प्रथम में ’२१वीं सदी में हिंदी कविता की घटती लोकप्रियता और लोप होते कालजयी रचनाकार’ विषय पर चर्चा तथा द्वितीय में काव्य गोष्ठी हुई।
समिति की ओर से बताया गया कि सत्रों की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष डॉ. दया कृष्ण गोयल ने की। प्रारंभ डॉ. रीता शुक्ला की मधुर सरस्वती वंदना से हुआ। स्वागत भाषण में डॉ. गोयल ने विषय पर अपनी बात को प्रस्तुत किया। डॉ. रचना चतुर्वेदी ने विषय का परिचय दिया। साहित्यकार डॉ. राशि सिंह ने विषय पर विदेशी विद्वानों व भारतीय साहित्यकार सभी को समाहित करते हुए कहा कि साहित्य में संपूर्ण स्वीकृति व सम्यक विशाल दृष्टिकोण साहित्य को कालजयी रचनाकार प्रदान करता है। इसी क्रम में अभिजीत पाठक, दर्शन सिंह, विभा भारती, श्रृतिकांत भारती व रंजीता पांडे आदि ने भी विषय को और सारगर्भित बनाया।
द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी को प्रबुद्ध कवियों डॉ. राशि सिंह, ममता जायसवाल, वर्षा शर्मा, मंजू राठी, उमा देवी व डॉ. गोयल ने आभामय किया। संचालन ममता जायसवाल ने किया। डॉ. गोयल ने अध्यक्ष टिप्पणी में साहित्य के आशावादी भविष्य की उज्जवल कामना की। सुनीता लुल्ला ने धन्यवाद दिया।