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सैल्यूट

वीना सक्सेना
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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राकेशजी ने गाड़ी शो-रूम के सामने लगाई और कार से निकलकर वह शो-रूम की तरफ आने लगेl अचानक उन्होंने देखा कि शो-रूम का हर एक बंदा उन्हें देखकर हरकत में आ गया है। साड़ी के इस शो-रूम पर वह अपनी पत्नी को साड़ी दिलाने आए थे। अंदर आने पर उन्होंने महसूस किया कि सभी लोग उन्हें कुछ विशिष्ट सम्मान दे रहे हैं। वह समझ गए, और उन्होंने तुरंत अपने हाव-भाव और चेहरे को एक मिलिट्री अफसर की तरह बना लिया। राकेश जी स्वभाव से विनोदी एवं कद-काठी और बातचीत से पुलिस या मिलिट्री के बड़े अफसर जैसे लगते हैं। ये बात उन्हें मालूम थी,अक्सर उनके दोस्त उन्हें ऐसा कहते रहते थे।
अचानक उनके मोबाइल की घंटी बजी,उन्होंने फोन पर जिसका नाम लिया,इत्तेफाक से उसका आधा नाम उस इलाके के टी.आई. से मिल रहा था। वह बात करते हुए शो-रूम से बाहर आ गए,तब तक उनकी पत्नी ने एक साड़ी खरीद ली थी। बार-बार सेल्समैन उन्हें चाय-कॉफी के लिए आग्रह कर रहा था,परंतु वह लगातार मना करते हुए अपनी साड़ी लेकर काउंटर तक भुगतान के लिए आ गई।
तभी वहां के मालिक ने उनकी पत्नी से पूछा-“साहब कहां पर पोस्टेड है।” उनके इस सवाल को जब तक उनकी पत्नी समझ पाती,राकेश जी पास आ चुके थे और उन्होंने बिल देखकर ३ हजार काउंटर पर खड़े व्यक्ति को दिए तो कुछ हँसते हुए वह व्यक्ति मना करने लगा। “नहीं सर,इसकी कोई जरूरत नहीं।”
“नहीं,हम ये सब पसंद नहीं करते।” कुछ रौब से कह कर राकेश जी ने अपना पैकेट उठाया,और बाहर निकलने लगेl तभी शो-रूम के गेटमेन ने उन्हें जोर से सैल्यूट किया,और दरवाजा खोल दिया। लोग उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो एक-दूसरे को देख रहे थे।

परिचय : श्रीमती वीना सक्सेना की पहचान इंदौर से मध्यप्रदेश तक में लेखिका और समाजसेविका की है।जन्मतिथि-२३ अक्टूबर एवं जन्म स्थान-सिकंदराराऊ (उत्तरप्रदेश)है। वर्तमान में इंदौर में ही रहती हैं। आप प्रदेश के अलावा अन्य प्रान्तों में भी २० से अधिक वर्ष से समाजसेवा में सक्रिय हैं। मन के भावों को कलम से अभिव्यक्ति देने में माहिर श्रीमती सक्सेना को कैदी महिलाओं औऱ फुटपाथी बच्चों को संस्कार शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आपने कई पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया है।आपकी रचनाएं अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुक़ी हैं। आप अच्छी साहित्यकार के साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर टेनिस टूर्नामेंट में चैम्पियन भी रही हैं। `कायस्थ गौरव` और `कायस्थ प्रतिभा` सम्मान से विशेष रूप से अंलकृत श्रीमती सक्सेना के कार्यक्रम आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर भी प्रसारित हुए हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित हो चुके हैंl आपका कार्यक्षेत्र-समाजसेवा है तथा सामजिक गतिविधि के तहत महिला समाज की कई इकाइयों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैंl उत्कृष्ट मंच संचालक होने के साथ ही बीएसएनएल, महिला उत्पीड़न समिति की सदस्य भी हैंl आपकी लेखन विधा खास तौर से लघुकथा हैl आपकी लेखनी का उद्देश्य-मन के भावों को अभिव्यक्ति देना हैl

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