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स्थायित्व

डॉ.किशोर जॉन
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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ये ज़मीन ना आसमान,
ये चाँद ना सितारे
ये हवा ना पानी,
ना घटा ना बरसात
कुछ भी स्थायी नहीं।

ये चाँदी और सोना,
ये इमारतें और गाड़ियाँ
ये धन दौलत ना इज्जत,
ये नाम ना शोहरत
कुछ भी स्थायी नहीं।

ये शरीर ना सुंदरता,
ये साँसें ना शरीर
ये ताक़त ना घमंड,
ना सोच ना विचार
कुछ भी स्थायी नहीं।

ये ज्ञान ना अज्ञान,
ये परम्परा ना रीति रिवाज
ये समाज ना सामाजिकता,
ना धर्म ना धार्मिकता
कुछ भी स्थायी नहीं।

क्षण भंगुर जीवन,
लगातार भागता
ना जाने किस स्थायित्व पीछे,
निरंतर बदलते मायने
जीने और समझने के,
ना जाने किस फेर में
स्थायित्व की विडम्बना लिए।
सत्य बस केवल एक,
कुछ भी स्थायी नहीं॥

परिचय- डॉ.किशोर जॉन फ़िलहाल सह-प्राध्यापक के रुप में रीवा(मध्यप्रदेश) के शासकीय महाविद्यालय में सेवारत हैं। पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में शिक्षित डॉ. जॉन मध्यप्रदेश के इंदौर में ही रहते हैंL आप विशेष कर्त्तव्य अधिकारी के पद पर अतिरिक्त संचालक(उच्च शिक्षा विभाग,इंदौर संभाग) कार्यालय में इंदौर में पदस्थ रहे हैं। पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान सहित वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रबंध में आप स्नातकोत्तर हैं। आपको २३ वर्ष का शैक्षणिक एवं प्रशासकीय अनुभव है तो, राष्ट्रीय-अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ३० से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत एवं प्रकाशित किए हैं,एवं ३ पुस्तकों के सम्पादक भी रहे हैंL आपकी लेखन विधा कविता और लेख है।

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