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हर समय की साथी ‘पुस्तक‘

मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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‘क्या अच्छी दोस्त…? (विश्व पुस्तक दिवस विशेष)…

पुस्तक है जीवन की ज्योत,
पुस्तक है बच्चों की दोस्त।

पुस्तक की भाँति जगना,
उजियारा रौशन करना।

ज्ञान का भंडार बनना,
अज्ञानता को दूर करना।

हास्य कहानियों से होता मनोरंजन,
रोचक कहानियाँ है उत्साहवर्धन।

पुस्तक निर्माण करती है कलात्मक शैली,
सिखाती हैं हमे जीवन जीने की शैली।

दोस्त बनाओ तो पुस्तक जैसा,
जो हर पल मार्ग दिखाए ऐसा।

दु:ख में बने दु:ख का साथी,
सुख में उन्नति की ओर ले जाती।

पुस्तक पढ़ना एक कला है,
और पढ़नेवाला कलाकार है।

सत्य को लिखित रूप में प्रस्तुत करती,
बीते समय का साक्ष्य यही कहलाती है।

करती है अच्छी बातें पुस्तक,
हर समय की साथी है पुस्तक॥