कुल पृष्ठ दर्शन : 292

You are currently viewing हिंदी विवि द्वारा लगाए गए वृक्ष ने फल देना आरंभ किया

हिंदी विवि द्वारा लगाए गए वृक्ष ने फल देना आरंभ किया

प्रो. मोहन लाल छीपा

***********************************

मेरी प्रसन्नता का कोई ठिकाना नहीं, जब अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में संस्थापक कुलपति के रूप में २०१२ में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात अभियांत्रिकी एवं चिकित्सा शिक्षा के हिंदी माध्यम के वृक्ष का बीज रोपित किया तथा अक्टूबर २०२२ में मध्यप्रदेश शासन की सक्रिय भागीदारी से उसके फल मिलना प्रारंभ हो गए।
मेरा सौभाग्य है कि हिंदी में चिकित्सा शिक्षा का आधार अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि में २०१२-२०१७ तक तैयार किया गया। चिकित्सा क्षेत्र की नियामक संस्थाओं से पत्राचार, हिंदी माध्यम से स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा शोध ग्रंथ लिखने वालों का सम्मान, एमबीबीएस के सभी पाठ्यक्रमों को हिंदी में अनुवाद, हिंदी माध्यम से देश में उपलब्ध सभी तरह की चिकित्सा पुस्तकों (३००) का संकलन, हिन्दी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा की पुस्तकें लिखने वाले लेखकों से संपर्क, हिन्दी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा की पुस्तकें प्रकाशित करने वाले प्रकाशकों से संपर्क, अंग्रेजी माध्यम के लेखकों से उनकी पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद करने के लिए वार्ता, प्रवासी भारतीयों से संपर्क, लोक स्वास्थ्य वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना, गर्भ संस्कार तपोवन केंद्र की स्थापना, डायलिसिस टेक्निशियन, मेडिकल लैब तकनीशियन, एक्स-रे तकनीशियन, ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन, पत्रोपाधि पाठ्यक्रमों की शासन से स्वीकृति व प्रवेश हेतु विज्ञापन आदि प्रमुख कार्य हुए, जिनके आधार पर चिकित्सा शिक्षा का ढांचा खड़ा किया गया।
आज दुनिया के हिंदी के शुभचिंतकों के लिए सुनहरा दिवस है, जब हिंदी में चिकित्सा शिक्षा को असंभव मानने वाले भारतीय चिकित्सा परिषद् के अधिकारी हिंदी विवि की बातों पर आश्चर्य व्यक्त करते थे, वे आज यह महसूस करेंगे कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। यदि सभी संबंधित लोग समर्पण एवं सेवा भाव से उस कार्य में लग जाएं तो अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं। हिंदी विवि के सभी शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों को बधाई देना चाहूंगा, जिन्होंने चिकित्सा शिक्षा व अभियांत्रिकी शिक्षा की आधारशिला रखने में मदद की तथा पुस्तकों का अनुवाद कर हमारे कार्य को आगे बढ़ाया और आज परिणाम उनके सामने मौजूद है। के.एस. सुदर्शन (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक ) व अटल बिहारी वाजपेयी की आत्मा को शांति मिलेगी, जिन्होंने १९८६-८७ में हिंदी माध्यम से अभियांत्रिकी व चिकित्सा शिक्षा का सपना देखा था।
(लेखक इस विवि के संस्थापक कुलपति हैं।)

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुम्बई)

Leave a Reply