कुल पृष्ठ दर्शन : 19

You are currently viewing हिन्दी हमारी संस्कृति

हिन्दी हमारी संस्कृति

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
मुंगेर (बिहार)
**********************************************

भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक ‘हिंदी’ (हिंदी दिवस विशेष)…

दूसरों का अवश्य हम गुणगान करेंगे,
पर सर्वप्रथम खुद का हम जयगान करेंगे।

दूसरी भाषा का भी सम्मान करेंगे,
पर हिन्दी को सर्वप्रथम प्रणाम करेंगे।

क्योंकि हिन्दी ही हमारी मातृभाषा है,
यही तो हमारे देश की राजभाषा है।

इसका सदैव ही हम सम्मान करेंगे,
भारतीय होने पर अभिमान करेंगे।

हिन्दी हमारी संस्कृति की संवाहक है,
जीवन मूल्यों की यही तो परिचायक है।

इसने हमें हँसना-बोलना सिखाया है,
जीवन जीने का मार्ग हमें दिखाया है।

हिन्दी हम भारतीयों की पहचान है,
भाषा में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।

इसके प्रसार में हम योगदान करेंगे,
सदा ही इसका हम गौरवगान करेंगे।

भारतीय होने का फर्ज हम निभाएँगे,
राजभाषा से राष्ट्रभाषा इसे बनाएँगे।

विश्व में सर्वोच्च स्थान इसे दिलाएँगे,
भारत को फिर से विश्वगुरु बनाएँगे॥