डॉ.अरविन्द जैन
भोपाल(मध्यप्रदेश)
*****************************************************
मृत्यु एक ऐसा परम सत्य है,जिसका होना निश्चित है,पर कब-कहाँ कैसे होना है,यह अनिश्चित होता हैl मृत्यु अत्यंत दुखदायी होती है,जिस प्रकार मनुष्य का जन्म बताता है कि,होनहार विरवान के होत चिकने पात उसी प्रकार मृत्यु बताती है कि,इस व्यक्ति का जीवन कैसा बीता ? कारण जीवन और कर्मों का मिलन अदभुत होता हैl
मोदी सरकार में राफेल काण्ड का तीसरे स्तम्भ का जाना बहुत दुखद हैl कारण उस काण्ड का बचाव करने वाले मनोहर पर्रिकर,सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का महत्वपूर्ण योगदान थाl
अरुण जेटली (२८ दिसम्बर १९५२ में जन्म और २४ अगस्त २०१९ मृत्यु) भारत के प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं राजनेता थे। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता एवं पूर्व वित्त मन्त्री थे। आप राजग(राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन में केन्द्रीय न्याय मन्त्री के साथ-साथ कई बड़े पदों पर आसीन थेl
दिल्ली में जन्में अरुण जेटली वो 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे।
राजनीतिक पदों के अन्तरगत श्री जेटली भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे,और १९९९ के आम चुनाव से पहले की अवधि के दौरान भाजपा के प्रवक्ता बन गए। भाजपा की वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद उन्हें १३ अक्टूबर १९९९ को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। कानून,न्याय और कम्पनी मामलों के केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद इस मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला
२६ अगस्त २०१२ को उन्होंने कहा(संसद के बाहर)-“ऐसे अवसर होते हैं जब संसद में बाधा देश को अधिक लाभ पहुंचाती है।” इस कथन को भारत में समकालीन राजनीति में संसद की बाधा को वैधता प्रदान करने वाला माना जाता है। २०१४ में सरकार बनाने के बाद भाजपा सरकार को कई बार संसद में व्यवधानों और अवरोधों का सामना करना पड़ा है,और विपक्ष उनके पूर्वोक्त बयान का हवाला देता रहता है,जबकि संसदीय चर्चा में उनका योगदान अनुकरणीय है,लेकिन एक वैध मंजिल की रणनीति के रूप में बाधा का उनका समर्थन भारतीय संसदीय लोकतंत्र में उनके सकारात्मक योगदान को उजागर करता है।
२६ मई २०१४ को जेटली को नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वित्त मंत्री के रूप में चुना गयाl भारत के वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सरकार ने ९ नवंबर २०१६ से भ्रष्टाचार,काले धन,नकली मुद्रा और आतंकवाद पर अंकुश लगाने के इरादे से महात्मा गांधी श्रृंखला के ५०० और १००० के नोटों का विमुद्रीकरण किया।
९ अगस्त को उन्हें साँस फूलने की शिकायत के बाद गंभीर हालत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(नई दिल्ली) में भर्ती कराया गया थाl श्री जेटली का अल्प समय में जाना देश के साथ पार्टी को बहुत क्षति होना हैl एक नेता का जाना उतना हानिकारक नहीं होता,जितना एक बौद्धिक व्यक्ति का जानाl श्री मोदी के कवच मन्त्र रहे अरुण जेटली के जीवित और कर्मशील होने से देश को नयी दिशा मिलती,पर मौत पर किसी का वश नहीं हैl
परिचय- डॉ.अरविन्द जैन का जन्म १४ मार्च १९५१ को हुआ है। वर्तमान में आप होशंगाबाद रोड भोपाल में रहते हैं। मध्यप्रदेश के राजाओं वाले शहर भोपाल निवासी डॉ.जैन की शिक्षा बीएएमएस(स्वर्ण पदक ) एम.ए.एम.एस. है। कार्य क्षेत्र में आप सेवानिवृत्त उप संचालक(आयुर्वेद)हैं। सामाजिक गतिविधियों में शाकाहार परिषद् के वर्ष १९८५ से संस्थापक हैं। साथ ही एनआईएमए और हिंदी भवन,हिंदी साहित्य अकादमी सहित कई संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। आपकी लेखन विधा-उपन्यास, स्तम्भ तथा लेख की है। प्रकाशन में आपके खाते में-आनंद,कही अनकही,चार इमली,चौपाल तथा चतुर्भुज आदि हैं। बतौर पुरस्कार लगभग १२ सम्मान-तुलसी साहित्य अकादमी,श्री अम्बिकाप्रसाद दिव्य,वरिष्ठ साहित्कार,उत्कृष्ट चिकित्सक,पूर्वोत्तर साहित्य अकादमी आदि हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी अभिव्यक्ति द्वारा सामाजिक चेतना लाना और आत्म संतुष्टि है।