शिव सागर तिवारी ‘सुल्तानपुरिया’
सुल्तानपुर(उत्तरप्रदेश)
**********************************************************************
हाले दिल मैं सुनाने,नहीं आऊँगा,
और कुछ भी जताने,नहीं आऊँगा,
तुम हो वाकिफ़ बहुत मेरे हालात से-
जा रहा हूँ रुलाने,नहीं आऊँगा।