शिलांग(मेघालय)।
संगीत नाटक अकादमी (नई दिल्ली)के सहयोग से पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी(शिलांग)द्वारा रविवार २३ फरवरी को मउफलांग के जवाहर नवोदय विद्यालय परिसर में खासी लोक साहित्य पर आधारित नाटक ‘चन्द्र-ग्रहण’ का सफल मंचन किया गया। इसे सभी ने काफी सराहा। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों एवं विशेषज्ञों को प्रमाण-पत्र तथा पारम्परिक खदा प्रदान की गई।
अकादमी के महासचिव डॉ. अकेला भाई ने बताया कि,मंचन से पूर्व ३० विद्यार्थियों को ४ फरवरी से १० फरवरी तक दिलीप कुमार, ममता साह और कु. प्रियंका सिंह राज द्वारा कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला के दौरान नाट्य संबंधी विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला। कार्यशाला में सर्वश्री लम्शाफ्रांग खारबीह,इमिडाहुनएस. डी. लातम,कारालिन मकरी,अडोर आइसाई सुसंगी,नामे आइबोर नंगसेज,बिशिशा थाबाह,करिना नंगाई,बापीन डापलांग पथाव,बरबिनिया एस. कसीर. वेनेसिया फ्लोरेंस खरमुनुइद. जोइस्टर एम. लिंगदोह,मैकडिनाल्ड पिंगरोप, इवाफिरा वरजरी,आइवंकमेनशिशा लिंगदोह,मेबा आईशिशा सुथियांग,मेबारी नंगसेज,डेइतलिन नंगकिन्रिह. एलिजा कुरबाह,आयुष चौधरी, जेरेमिया लिंगखोई,एल्सपरवेल सिमलेह, विजय सिमलेह,लमसोवा मकडोह, वानफराकी पसवाट,अरमान मनहर, बिनरीवियांग थोगनी,करिश्मा दाईमारी, इनवौर्न थाबाह,डनकुपर खरसोहनो और डमेबेटश्वा नंगकिन्रिह ने सक्रियता से भाग लिया। इन ३० छात्र-छात्राओं में से चयनित १२ ने मंचन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
इस अवसर पर जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य सी.एच. दिनेशन ने अपने स्वागत भाषण में अकादमी के इस प्रयास की सराहना की। छात्रों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। डॉ. अकेला भाई ने अपने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों के कार्यों की सराहना की और प्राचार्य को धन्यवाद दिया।
आपने बताया कि,इस वर्ष शिलांग शहर से २६ किमी दूर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राँगण में खासी साहित्य पर आधारित लघु नाटक ‘चन्द्र ग्रहण’ का मंचन किया गया। नाटक की परिकल्पना राणा प्रताप नंदी,अनुवाद सुश्री ओइनाम निरुपमा देवी,अतुल कुमार एवं अमित कुमार सहित मार्गदर्शन सी.एच. दिनेशन और निर्देशन डॉ. अकेला भाई ने किया। सफल संचालन अतुल कुमार ने किया। सहयोग सुजीत कुमार तथा श्यामल कर्मकार ने दिया।
इस अवसर पर विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनके अतिरिक्त अमीर हसन,दिलीप कुमार, ममता साह और कुमारी प्रियंका सिंह राज उपस्थित रहे। समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ।