ओमप्रकाश मेरोठा
बारां(राजस्थान)
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सावन का महीना है कितना प्यारा,
काले-काले बादल,दिल हुआ आवाराl
हर पंछी गीत गाए मन,मस्त मगन हो जाए,
हर कोई खो जाए जब,सावन की बहार छाएl
सावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता है,
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैl
सावन का संदेश मिला जब महक उठी पुरवाई,
बूंदों ने छेड़ी है सरगम,रूत ने ली अंगड़ाईl
खिलते हैं दिलों में फूल सनम सावन के सुहाने मौसम में,
होती है सभी से भूल सनम सावन के सुहाने मौसम में।
सपनों में भी मिल ना सके अब नींद भी तेरे साथ गयी,
सावन आग लगा कर चल दिया रो-रो के बरसात गयी॥
परिचय-ओमप्रकाश मेरोठा का निवास राजस्थान के जिला बारां स्थित छबड़ा(ग्राम उचावद)में है। ७ जुलाई २००० को संसार में आए श्री मेरोठा ने आईटीआई फिटर और विज्ञान में स्नातक किया है,जबकि बी.एड. जारी है। आपकी रचनाएं दिल्ली के समाचार पत्रों में आई हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में भारत स्काउट-गाइड में राज्य पुरस्कार (२०१५)एवं पद्दा पुरस्कार(२०२०)आपको मिला है।