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पहले प्रति-माँ की सेवा जरुरी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’
पंडरिया (छत्तीसगढ़)
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नवरात्रि लगते ही सब भक्त माँ अम्बे की प्रतिमा के नव रूपों का अलग-अलग दिन विधि-विधान से अपनी सामर्थ्य के अनुसार पूजा-पाठ और माँ को मिठाई,फल का भोग लगाते हैं,पर उस प्रति-माँ का क्या ? जो आज अपने ही घर में बेबस और लाचार पड़ी है। आज भी कई माँ वृद्धाश्रम में है,जो अपने बहू-बेटे,पोता-पोती की राह ताक रही है और इस आस में बैठी है कि मेरा बेटा मुझे लेने आएगा। नवरात्रि में जितनी सेवा-पूजा माँ की प्रतिमा की करते हैं,अगर उसकी आधी सेवा भी अपनी माँ की करते तो आज घर एक मंदिर बन जाता।
माँ अम्बे की प्रतिमा में माँ अम्बे विराजती है,लेकिन दुनिया की प्रति-माँ में पूरा ब्रम्हाण्ड विराजमान है। सिर्फ मंदिर जा कर दान-दक्षिणा देने से ही माँ अम्बे खुश नहीं रहती हैं,अगर माता रानी को खुश करना चाहते हो तो पहले अपनी माँ को खुश रखना सीखो । अगर आप घर की माँ को खुश रखोगे,तो मंदिर की माँ खुश होगी,और अपना आशीर्वाद देगी।
माँ अम्बे फल और मेवे की भूखी नही होती है,माँ तो केवल सच्ची सेवा,भक्ति चाहती है। अगर सब मिल कर अपनी-अपनी माँ को खुश करते,माँ की सेवा करते तो आज शायद पृथ्वी पर यह संकट नहीं आता।
आज इस जगत में कितनी सारी माँ रोते बिलखते अपने बेटे-बेटियों को याद करती हैं,उस माँ को कभी ना तड़पाओ,जिसने आपका पालन-पोषण किया है। माँ को भी अपने बेटों से यही आशा रहती है कि जब हम बूढ़े हो जाएंगे,तो ऐसे ही हमारे बच्चे हमारी सेवा करेंगे।
माँ तो माँ होती है,अपने बच्चे के बारे में कभी गलत नहीं सोंच सकती है,लेकिन माँ को क्या पता कि माँ-बाप बूढ़े होते ही संतान के लिए बोझ हो जाएंगे। माँ को क्या पता कि जब बूढ़े हो जाएंगे तो हमारे बेटे-बहू हमें वृद्धाश्रम में छोड़ आएंगे।
अरे मानव,कुछ तो समझो,कुछ तो दया दिखाओ अपने माँ-बाप पर। जिस माँ ने अँगुली पकड़ के चलना सिखाया,आज उसी माँ को बेसहारा मत बनाओ। बहुत खुश नसीब वाले होते हैं वो इंसान, जिसके माँ-बाप उनके साथ हमेशा रहते हैं।
अगर सेवा करना चाहते हो तो अपने माता-पिता की करो,मंदिर जा कर दिखावा करने से माँ नहीं आएगी। आज आप ऐसा करोगे तो कल आपके बच्चे भी आपके साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे,तब आप उस पर अँगुली नहीं उठा पाओगे। आने वाले कल के बारे में अवश्य सोचिए। अगर प्रतिमा को खुश रखना है तो अपनी प्रति-माँ को पहले खुश करो,तभी मंदिर वाली माँ आपके घर बिना बुलाए आएगी और आशीर्वाद देगी।