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अनूठा रिश्ता

ज्योतिर्मय खटुआ
कटक(ओडिशा)
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नन्हे से कदमों से आए,
नन्हीं अंगुलियों को मिला
ममता भरा ज्ञानवर्धक स्पर्श,
तराश रहे सतत भविष्य।
लक्ष्य की उड़ान की ओर,
खामियों को भुला कर
बढ़ा रहे सतत नभ की ओर,
दिए कल्पनाओं को सच्चे पंख।
दिल में सम्मान माँ की भांति,
गुरू माँ श्रेष्ठ स्थान से आपको प्रणाम।
एकलव्य बन कर आपके,
सर्वश्रेष्ठ होने का कराएंगे भान॥