कुल पृष्ठ दर्शन : 150

You are currently viewing संस्कृति

संस्कृति

शिवनाथ सिंह
लखनऊ(उत्तर प्रदेश)
****************************************

इस समय निशा बहुत बेचैन थी। अंकुर और उसका घर निशा की आँखों के सामने घूम रहे थे। निशा ने अपनी अलमारी से काली जीन्स के साथ ही एक सुंदर-सा टॉप निकाला और तैयार होने लगी। बायेंं कंधे पर स्ट्रोल डालकर जब आइने के सामने खड़ी हुई तो मुस्कराए बगैर न रह सकी। सच में सुंदर लग रही थी वह,पर तभी मन के किसी कोने में घंटी बज उठी।
ये तू क्या कर रही है निशा! तू किसी मॉल या क्लब में नहीं, अंकुर के घर जा रही है। भारतीय संस्कृति के उस वातावरण में जा रही है,जहाँ घंटी बजाकर भगवान की दो समय पूजा की जाती है। और फिर,तू उस घर की बहू बनने के सपने भी तो देख रही है न…! उतार दे ये चोला,उतार के फेंक दे अपनी ये पाश्चात्यता और बन जा कुछ-कुछ उनके ही जैसी।
निशा का दिमाग चक्कर खा गया। अंकुर द्वारा सुनाए गए उसके अपने घर से सम्बन्धित किस्से उसे याद आने लगे। वह कुर्सी पर बैठकर सोचने लगी कि क्या पहनूँ! जब उठी तो मन-मस्तिष्क से वह कोई और ही निशा बन चुकी थी।
नई वेशभूषा पहनकर तैयार हुई तो उसे स्वयं पर बहुत आश्चर्य हुआ। एक नया रूप-रंग। अंतरात्मा बोल उठी-ओ निशा,तू ऐसी ही अच्छी लगेगी वहाँ। वे होने वाले सास-ससुर हैं तेरे। शुद्ध भारतीय संस्कृति वाले हैं वे। भारतीयता में बहुत जान होती है,साथ में अपनेपन से भरपूर प्यार भी। तेरी सुंदरता भा जाएगी उन्हें,पर हाँ, तन के साथ साथ मन से भी सुंदर रहना ना भूलना। आदरभाव की आवश्यकता है उन्हें।
निशा का मन अब तक बिल्कुल शांत हो चुका था। बड़ी खुश थी वह। पर्स उठाया और अपनी भारतीय संस्कृति के रंग में रंगकर अपने अंकुर के घर की ओर चल पड़ी।

परिचय-शिवनाथ सिंह की जन्म तारीख १० जनवरी १९४७ एवं जन्म स्थान धामपुर(बिजनौर,उत्तर प्रदेश )है। प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री सिंह की शिक्षा सिविल इंजीनियरिंग है और विद्युत विभाग से २००५ में अधिशाषी अभियन्ता पद से सेवानिवृत्त हैं। रुचि-साहित्य लेखन,कला एवं अध्यात्म में है। इनकी प्रकाशित पुस्तकों में कविता संग्रह(२०१४) सहित लेख,लघुकथा एवं कहानी संग्रह(२०१८) प्रमुख है। मुक्तक संग्रह प्रकाशन प्रक्रिया में है। रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं एवं पत्रों में विविध साहित्य के रुप में प्रकाशित हैं। लेखनी की वजह से विभिन्न संस्थाओं से अनेक सम्मान-पत्र एवं प्रशस्ति-पत्र प्राप्त हैं।

Leave a Reply