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नवल छंद ‘विज्ञात सवैया’ और ‘कोविद सवैया’ को दी मान्यता

सरगुजा (छग)।

कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर संस्थापक गुरूदेव संजय कौशिक विज्ञात द्वारा विज्ञात सवैया और छंदशाला परिवार से परमजीत सिंह कोविद द्वारा कोविद सवैया नवल छंद निर्माण किया गया है। यह उनके स्व नाम से जाना जाएगा,जिसे छंदों में सम्मिलित करने की अनुमति दी गई है।
इस कार्यक्रम के अध्यक्ष अर्णव कलश एसोसिएशन की महासचिव अनिता भारद्वाज अर्णव,साहित्यकार साखी गोपाल पंडामंच संचालिका अनिता मंदिलवार ‘सपना’ तथा समीक्षक बाबूलाल शर्मा बोहरा,इंद्राणी साहू साँची और मुख्य अतिथि रहे मंच पर विराजमान पंचपरमेश्वर की उपस्थिति ने पचास से अधिक आए सवैया के छंदों के शिल्प की सधी हुई लय देख कर इन्हें छंदों में सम्मिलित करने की अनुमति दी।
सर्वप्रथम मंच संचालिका अनिता मंदिलवार ने प्रस्तावना प्रस्तुत की। मंच पर विधिवत उपस्थित छंद मर्मज्ञों ने इसे सहमति प्रदान की। श्रीमती मंदिलवार ने बताया कि,नीतू ठाकुर विदुषी सहित,आशा शुक्ला,मधु सिंघी,अनुराधा चौहान,राधा तिवारी,गीता विश्वकर्मा नेह,सौरभ प्रभात, कंचन वर्मा विज्ञांशी,कमल किशोर कमल,बिंदु प्रसाद रिद्धिमा,डॉ. एन.के. सेठी,अर्चना पाठक एवं पूजा शर्मा आदि ने भी नवीन छंद को सहर्ष मान्यता देते हुए निर्माणकर्ता संजय कौशिक और परमजीत सिंह को बधाई दी।