कुल पृष्ठ दर्शन : 303

You are currently viewing लक्ष्य-सफलता का आधार

लक्ष्य-सफलता का आधार

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
**********************************

लक्ष्य एक उन्नत संस्कार है,
सफलता का दिव्य आधार है
प्रगति पथ पर आगे बढ़ने का,
सर्वश्रेष्ठ व सुंदर उपहार है।

लक्ष्य एक साहसिक पहल और,
ज़िन्दगी की ऊंचाईयों को छूने का
सम्बल और मजबूत प्रयास है
सबसे सम्बल व अनमोल अहसास है।

लक्ष्य साहस से बड़ा कभी नहीं,
अपूर्व उत्कृष्ट सोच व दर्शन है
हारा वही जो कभी लड़ा ही नहीं,
सम्पूर्णता संग यही समग्र प्रदर्शन है।

जिन्दगी की डोर छोटी व अधूरी है,
लक्ष्य अगर बिल्कुल सुनसान है
प्रगति पथ पर सदैव आगे बढ़ने में,
राह बनाने का एक उन्नत फ़रमान है।

लक्ष्य हमेशा दिल से परिभाषित करें,
प्रचुर सफलता चाहिए अगर यहां
मेहनतकश लोग इसलिए मजबूती से,
इस बुद्धिमत्ता के रंग को पहचानते हैं यहां।

लक्ष्य विहीन उद्देश्य सदा परतंत्र है,
सुकून और मोहब्बत नहीं मिलती यहां
लक्ष्य का किरदार व साथ एक हाथ है,
सफलता की ज्वाला तभी जलती है यहां।

निश्चित समय सीमा में मजबूत इरादों से,
अर्जित करने का पराक्रम है निश्चित लक्ष्य
ज़िन्दगी की सरजमीं पर सफ़ल होने वाले को,
सब-कुछ दिखता है वह दृश्य यहां।

उद्देश्य-लक्ष्य-जज्बा और एक निशान,
ज़िन्दगी के सफ़र की उन्नत कहानी है
प्रगति पथ पर आगे बढ़ने वाले लोगों का,
यही आभूषण और ऐश्वर्य की निशानी है।

सही रास्ता बताती है लक्ष्य का किरदार,
सफलता का मूल मंत्र है इसका प्रदर्शन।
जीवित संसार का है एक अपूर्व व्यवहार,
कहलाता है जीवन का सबसे बड़ा आकर्षण।

कायदे और रास्ते मिलते हैं सब-कुछ,
जिन्दगी के लक्ष्य के सुखद संस्कार से
उन्नति और प्रगति की सम्पूर्णता यहां,
मिलती है लक्ष्य के विस्तारित व्यवहार से।

आओ हम-सब मिलकर यहां अपने हित में,
समस्त जीवन के लिए मजबूत लक्ष्य बनाएं।
सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने हेतु,
लक्ष्य को हासिल करने का दृढ़ बीड़ा उठाएं॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।