अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************
अस्तित्व बनाम नारी (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष)…
नजरिया,
बदलना होगा
तभी होगी तरक्की,
महिला संसार
हमारा।
सोंच,
बदल ली
खुश हो बढ़ेगी,
नारी बढ़ी
बुलंदी।
नारी,
अनमोल कृति
ईश्वर का रूप,
जुल्म नहीं
प्रेम।
समानता,
सदा दीजिए
स्नेह सहयोग दिया,
घर-आँगन
मुस्काएगा।
उपेक्षा,
मत करो
वो चाहे उड़ना,
साथ दो
संघर्ष।
त्याग,
उसका जीवन
सबको लेकर चलती,
हाथ थामो
सदा।
अवसर,
चाहती समान
उड़ने की आरजू,
आगे बढ़ाओ
हाथ।
उड़ाओ,
रसोई बाहर
करेगी कोई कमाल,
मौका तलाशती
जननी।
रखो,
पूरा भरोसा
पा लेगी मंजिल,
ऊँची उड़ान
आसमान।
कौशल,
उसकी ताकत
दिखाएगी चमक अपनी,
साथ चलो
विजय।
राष्ट्र,
नारी शक्ति
एक-दूजे पूरक,
मिलकर चलो
संग।
सम्मान,
उसे अतिप्रिय
आत्म विश्वास बढ़ाओ,
बनेगी विजेता
हरदम।
नारी,
उपभोग नहीं
खतरा मत बनो,
सहभागिता हो
अस्तित्व।
स्त्री,
दुर्गा, लक्ष्मी
मुरझाने मत दो,
शक्ति रूप
समाज।
नारी,
है धुरी
फिर भी अधूरी,
अनेक अभिलाषा
पूरी।
नारी,
सीता भी
योगदान उसका हो,
इंदिरा गाँधी
पहचान।
कड़ी,
परिवार की
अकेला मत छोड़ना,
सशक्त महिला
प्रगति।
भूमिका,
हर क्षेत्र
आया अमृत काल,
बरतो उदारता
अभिनन्दन।
प्रतिष्ठा,
बनाएं हम
अस्मिता सदा सुरक्षित,
देश भावना
बने।
बनाओ,
महादेवी वर्मा
आनंदीबाई गोपालराव जोशी
रानी लक्ष्मीबाई,
सीता॥