अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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भारत,
देश हमारा
मान न घटाएँ,
सबसे न्यारा
अभिन्दन।
स्वतंत्रता,
अनमोल धरोहर
मिली जां देकर,
है स्वर्णिम
बचाएँ।
भारतीय,
भारती संतान
अमर वीर हम,
सदा सम्मान
बलिदान।
प्रेम,
देश पहले
आपस में भाईचारा,
शत्रुता त्यागें
गणतंत्र।
महावीर,
हर जन
माँ लाज बचाएँ,
यश बढ़ाएँ
कुर्बानी।
परमवीर,
बनना होगा
गौरवगाथा स्वर्णिम भारत,
मिटे नहीं
भारत।
वीर,
हर युवा
सियाचीन, लद्दाख़ शिखर,
जोश लहराए
तिरंगा।
मान,
सदा बढ़ाएँ
तन मन धन,
चहुँ खुशियाँ
मुस्कान।
स्वराज्य,
ऐसा भारत
जन-जन हर्षित,
न्याय मिले
मानवता।
ताकत,
शत्रु भागें
करें तरक्की सब।
नव कीर्ति
कदम॥