दिल्ली।
‘हिन्दी दिवस’ पर जंतर- मंतर में ऐतिहासिक सभा और प्रदर्शन किया गया। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के इस आयोजन में देशभर से कवि, कवयित्री और साहित्यकार आदि ने हिस्सा लिया एवं हिंदी सेवियों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु एक स्वर में समर्थन किया, साथ ही कविताओं में खूब गरजे।
सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रदीप मिश्र ‘अजनबी’ के संचालन में सभा प्रारंभ की गई। मुख्य अतिथि डॉ. देवी पन्थी (एसोसिएट प्रोफेसर- त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं अध्यक्ष चारु साहित्य प्रतिष्ठान संस्थान) रहे। अध्यक्षता डॉ. घनश्याम न्योपाने परिश्रमी (एसो. प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल) एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. हरेन्द्र हर्ष (बुलंदशहर) रहे। जंतर-मंतर में मुख्य रूप से रामप्रवेश पंडित, संतोष कुमार पाठक, बिनोद कुमार पांडेय, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, तरुणा खरे, सुधीर सिंह सुधाकर, डॉ. अखिलेश मिश्रा व श्रीमती ओमेश्वरी साहू आदि उपस्थित रहे। सभा व प्रदर्शन में सभी मनीषियों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु विचार व्यक्त किए।