अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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आइए,
हाथ मिलाएँ
चहुँ दीप जलाएँ,
मिटे अँधियारा
भारत।
आइए,
ईर्ष्या छोड़ें
हर मन जोड़ें,
दीप समरसता
चमन।
आइए,
स्वार्थ त्यागें
मन विश्वास जागें,
कर्म करें
पुण्य।
आइए,
बनें संवेदनशील
नफ़रत भूल जाएँ,
प्रेम बरसाएँ
वतन।
आइए,
इस दीपावली
कर्तव्य पथ चलें।
शपथ लें,
राष्ट्र॥