लवकुश नगर (भोपाल)।
साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में नर्मदा प्रसाद गुप्ता की स्मृति में व्याख्यान एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। व्याख्यान माला से यह शुरू हुआ, जिसमें हिंदी के प्रोफेसर डॉ. बहादुर सिंह परमार ने नर्मदा प्रसाद की स्मृति को याद करते हुए उन पर विस्तार से चर्चा की।
यह कार्यक्रम अकादमी की ओर से कार्यक्रम अधिकारी राकेश सिंह की उपस्थिति में हुआ। मुख्य अतिथि जेल उप अधीक्षक अनिल पाठक रहे। अध्यक्षता देवदत्त द्विवेदी ने की। इस अवसर पर डॉ. परमार ने कहा कि बुन्देलखंड की लोक संस्कृति का इतिहास लिखकर श्री गुप्ता ने ऐतिहासिक काम किया। कार्यक्रम में देश के सुप्रसिद्ध कवियों ने काव्य पाठ किया, जिसमें बांदा से सौम्या श्रीवास्तव ने माँ सरस्वती की वाणी वंदना की। इसके बाद शायर अजय राहुल ने ‘जब्त सारी ख़्वाहिशें हैं, ये सजा कुछ और है’, सागर के कवि राजेंद्र यादव ने माँ पर कविता पढ़ी, तो जीतेंद्र यादव ने ‘बहना पड़ा यदि धार के, विपरीत हम बहकर रहेंगे, सत्य कितना भी हो कड़वा, हम उसे कहकर रहेंगे’ एवं संयोजन कर रहे गीतकार सूरज पंडित ने प्रेम पर आधारित कविता ‘देवालय सा जबसे तुमको पूजा है और किसी से प्यार नहीं कर पाए हैं’ पढ़ी। संचालन कवि अभिराम पाठक ने किया।