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सावन महात्म्य सदाशिव

सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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सावन रिमझिम शम्भू पधारे,
आओ, मना लें मिल-जुल सारे
शिव संग माँ गौरा पधारे,
नमः शिवाय ओम् नमः शिवाय।

पुण्य रुद्राभिषेक कराओ,
भांग धतूरा बिल्व चढ़ाओ
सावन रुत, सुवासित न्यारी,
रोमांचित महि, महक बयारी।

सिन्धु पल्लवन अल अति भारी,
नीलकंठ योगी विषधारी
गटक हलाहल अहि विषधारी
सावन माहात्म्य, अहि सुधारी।

सावन मेले शिव के डेरे,
भक्त कांवड़ चले हैं द्वारे
काली बदरिया हिय हुलारे,
शिव शिवा दर्शन, करें दुलारे।

डम-डम डमरू ढोल बजाएं,
नाचें-गाएं, खुशियाँ मनाएं
भक्त-वृंद सब भोले रिझाएं,
मस्त मलंग, नंदी गण गाएं।

किन्नर कैलाश पर्वत कैसा,
अमरनाथ गुफा अद्भुत कैसा
त्रिलोकीनाथ जन्नत जैसा,
धाम दिव्य, देवलोक जैसा।

शिवार्चन करूं, अहोभाग्य,
सदा शिव भूतेश सौभाग्य
अंतर्मुखी शिव रटती जाऊँ,
अन्तर्मन शिवालय सजाऊँ।

सुख-दुःख शम्भू, साथ है देना,
निर्मल मन-चित्त शान्ति देना
भगवत चिंतन, सत्संग देना,
नमन… शिव गौरी भक्ति देना।

सर्व विश्व मंगल-उत्थान चाहूँ,
अनासक्त हो कर्म भाव चाहूँ।
उच्च आदर्श सन्मार्ग चाहूँ,
प्राणी मात्र, कल्याण ही चाहूँ॥

परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।