अमर वीर गाथा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अमर वीर गाथा वतन, चित्तौड़ी सन्तान।रण प्रताप राणा विकट, गौरव यश वरदान॥ महासमर था मुगलिया, अकबर बड़ा नृशंस।राणा भाला विष कहर, किया मुगल विध्वंस॥…

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हे हरि! तुम आना प्रीत निभाने

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** हे हरि !बहुत दिनों से बैचैनतुम्हारी बाट जोह रही हूँ,जैसे शबरी की तड़पती आशाजैसे विदुर की गहन प्रत्याशा। हे हरि!तुम मेरे सपनों में आना,तुम आना…

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अभियान बनाना होगा हिन्दी पत्रकारिता को

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारत में हिन्दी पत्रकारिता की न केवल आजादी के संघर्ष में बल्कि उससे पूर्व के गुलामी की बेड़ियों में जकड़े राष्ट्र की संकटपूर्ण स्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका…

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भारतीय भाषाओं में न्याय के लिए लिखा पत्र

मुम्बई (महाराष्ट्र)। इटावा हिंदी सेवा निधि का हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं में न्याय के लिए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया है। सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुम्बई

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जलते चिराग

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** ख़ुदगर्ज़ सब रफीक फरामोश हो गए।कुछ वक़्त के साए में भी बेहोश हो गए। महफिल में उनके आने की चर्चा सुनी मैंने,हम तो उसी खबर…

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महापौर द्वारा पुस्तक ‘अचानक’ विमोचित

भिलाई (छ्ग)। मुक्तकंठ साहित्य समिति के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इसमें साहित्यकार गोविंद पाल (छत्तीसगढ़) द्वारा बांग्ला से हिन्दी में अनुवादित कहानी संग्रह पुस्तक 'अचानक' का…

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जब मैं अकेले…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तब पीड़ा नहीं होती,जब मैं अकेले में रोती हूँचोट तब लगती है जब,अकेले में जश्न मनाती हूँ। तब दर्द नहीं होता,जब मैं अकेले सो जाती हूँकष्ट…

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फुरसत के पल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कहीं किसी दिन फुरसत के पल,हम प्रेमी युगल इरशाद करेंरस पान नशीली ऑंख चपल,हम साथ बैठें, संवाद करें। अनुभूति प्रीत आह्लादित मन,हमदम गुलशन गलहार…

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कसक हृदय की

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मधुर कसक है आज हृदय मेंसुधि बन छाया कौन,झुकती जाती बोझिल पलकेंमन में द्वारे आया कौन ? लिखने बैठी पीर हृदय कीमन में मेरे समाया कौन,देर रात…

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दुष्यंत कुमार का लेखन राष्ट्र के लिए सांस्कृतिक उपलब्धि

भोपाल (मप्र)। दुष्यंत कुमार ने सिर्फ ग़ज़ल ही नहीं, साहित्य की सभी विद्याओं में प्रभावी और श्रेष्ठ सूरज किया है। वे जयप्रकाश आंदोलन के कारण ग़ज़ल में आए। उनका लेखन…

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